रविवार, 14 अगस्त 2011
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तुम तो यहीं थी मेरे भीतर एक खुशबू की तरह मुझे महकाती हुयी और मैं पागल ढूँढता रहा तुम्हें बाहर कस...
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बहुत सुन्दर रचना , सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंbadhiya rachna....keep it up:)
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
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