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अब मैं यहाँ नहीं रहता याद और ग़म की ये गली अब छोड़ दी है मैंने मैंने नया घर बनाया है उधर खुशियों की तरफ मुस्कान के बगीचे के बगल मे म...
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बेशक हार हुयी है मेरी पर हारा नहीं हूँ मैं मुझको लाचार न समझो तुम बेचारा नहीं हूँ मैं रुका हूँ, गिरा हूँ, ज़मीं पर पड़ा हूँ पर ज़िंदा ...
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तुम तो यहीं थी मेरे भीतर एक खुशबू की तरह मुझे महकाती हुयी और मैं पागल ढूँढता रहा तुम्हें बाहर कस...
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उसके यूँ तो छमिया, छम्मकछल्लो, हरामजादी, रानी वगैरह कई नाम थे, मगर मुझे उसके नाम में कभी दिलचस्पी नहीं रही ...वो हर बार कु...
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1 मेरी गुस्ताख़ नज़रों से जो बच पाओ तो बच लो तुम नज़र का तीर है इसको कोई पर्दा क्या रोकेगा?? ………………………………………… 2 बड़े अनमोल ...
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खुले गगन में, वन उपवन में अब जाने को दिल करता है बंधन तोड़ के, सब कुछ छोड़ के उड़ जाने को दिल करता है | दिल करता है संग हवा के दूर कहीं मै...
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हे प्रभु ! मेरी स्वप्न सुंदरी अब तो यथार्थ बन आ जाये उसको पाकर जीवन मे मेरा मन हर्षित, पुलकित हो जाए स्वेत वर्ण और केश स्वर्ण हो, जो...
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क्या वो पागल है, जो बेवजह मुस्कुराता है ? पागल ही है, तभी सरे राह गुनगुनाता है | अपनी ही धुन में वो गली गली घूमता है | राह चलते जानवरों को त...
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कोई प्रेम की लिख दो कविता और गाओ मन भा जाये | मुझमे भर दो सुंदरता मेरा अंग - अंग खिल जाये | तुम चाहो तो मेरे मन की ...
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दरवाजा खुला रखो, इंतज़ार करो कभी किसी मुसाफिर से प्यार करो कलियों ! आज ज़रा देर से खिलो प्यासे भँवरे को और बेक़रार करो ...
आदरणीय रतन जी एवं संदीप जी ....दिली शुक्रिया आप का ....:)
जवाब देंहटाएंBahut khoob vikram ji........badhai
जवाब देंहटाएंअच्हा है
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