मंगलवार, 26 जुलाई 2011

कुछ और चिल्लर.....



१. न ये धरती न वो आसमाँ चाहता हूँ... 
बस मैं तेरा करम मेहरबाँ चाहता हूँ...
तेरे पहलू में मौत की है ख्वाहिश मुझे...
मैं हूँ परवाना, मैं बस शमा चाहता हूँ ...

२. May be u don't feel like i feel
everyone has his choice 
it's not a big deal 
but do one thing
give me back my heart
i have lost this game
before u, i kneel.....

३.वो लड़की रोज़ मेरे ख़्वाबों में आ जाती है, 
सोये अरमानों को वो हर रात जगा जाती है,
उस से तन्हाई का शिकवा भी तो कर सकता नहीं 
रोज़ मिलने का वडा भी वो निभा जाती है| 
वो लड़की रोज़ मेरे ख़्वाबों में आ जाती है....

४. बड़े शौक़ से वो फिर हमें आजमाने आये,
इस बार इज़हार-ए-मोहब्बत बहाने आये 
उनका इश्क दिल्लगी से ज्यादा कुछ नहीं,
और वो मेरे इबादत से इश्क का मजाक बनाने आये |

५.अपनी बस एक गलती की सजा इतनी मिली है 
मौत से  बदतर तन्हाई की ज़िन्दगी मिली है  
अपनी धडकनें भी तो अब बेगानी लगती है 
आह की शक्ल में हमें सांस आखिरी मिली है |

६. कल नशे में मैंने यारो जाने क्या क्या कह दिया
अपने दिल को अपने ज़िस्म से जुदा कह दिया 
इश्क की मदहोशी का आलम तो देखिये
मुझ काफिर ने उन्हें इकलख्त अपना ख़ुदा कह दिया

७. मेरे दिल को कई ख्वाब वो दिखाने लगी है
मेरे ज़ेहन में अपना घर वो बनाने लगी है
वो जानती है कि अदाएं उसकी कातिल हैं मगर
फिर भी अदाएं वो हम पर आजमाने लगी है.....

८. सूनी तन्हा रातों में अकेला जागता हूँ...
जाने क्यों खुद से ही इतना भागता हूँ ....
जब सो जाती है सारी दुनिया सुकून के साथ...
तब खुद से खुद के गुनाहों की सज़ा मांगता हूँ | 

९. अपने एहसासों को भी लफ्ज़ दे देते थे 
अपने जज्बातों को शेरों में बदल देते थे 
उनसे कहने की हिम्मत कभी होती न थी 
तो वो शेर facebook पे छाप देते थे 
आज जाना, जब उनकी profile खोली 
वही शेर वो boyfriend को  forward कर देते थे ......:'

१०. फिर से कोई हमें तन्हाई का मतलब सिखा दे, कह दो ...
मेरे ख्वाबो को  को मेरी नींदों से मिटा दे, कह दो ....
नहीं जलना है मुहब्बत की आग में मुझको,
के मेरे अरमानों की आग कोई बुझा दे, कह दो.... 

११. There was a time when u were my best friend
and you were with me for my whole life...
and then here i am......in love with you.....
& losing you when you became my life

१२. कभी कभी ख़ुद को समझना भी कितना मुश्किल हो जाता है ....
तुम किसी और के हो ये जानकर के भी 
पगला है दिल, जो तुमको चाहता है...
तुमसे बात करने से तुम और अपने लगते हो 
तुमसे बात करने से सो दिल और घबराता है 
न करे गर बात हम तुमसे तब भी तो चैन नहीं आता 
जो न देखें कभी तुमको तो दिल आंसू बहाता  है .....
कभी कभी ख़ुद को समझना भी कितना मुश्किल हो जाता है ....

१३. ज़िन्दगी है नादान इसीलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसीलिए चुप हूँ,
कह दू ज़माने से दास्ताँ अपनी,
उसमे आएगा तेरा नाम इसीलिए चुप हूँ 

१४. हम उनकी ख़ामोशी से भी उनके दिल की हर बात ही पढ़ लेते है,
और वो मेरी हर बात से कहानियाँ कुछ और ही गढ़ लेते है

१५. छोड़ा न था दोस्तों ने साथ मेरा तब तलक 
जब तलक तार उनके दिल का किसी ने छेड़ा न था 

१६. तुम्हारी याद में तड़पते हम आज भी हैं 
मिलने की ख़ुशी जुदाई का ग़म आज भी है 
अब तो आता है तरस खुद पर, और इश्क पर अपने 
फिर भी जाने क्यूँ इश्क पर दिल को नाज़ आज भी है  

(बाकी फिर कभी)

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